पाकिस्तान का परमाणु संयंत्र कितना सुरक्षित, कितनी है दूरी,खुल गये सारे राज़

  •  पाकिस्तान के पाँच सुरक्षा बेस निभाते है। परमाणु हथियारों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी

नेशन स्टेशन डेस्क


नई दिल्ली:
- कई दशकों से पाकिस्तान और भारत की राजनैतिक अस्थिरता चली आ रही है।दरअसल इसी अस्थिरता के चलते पाकिस्तान अपने परमाणु आयुधों को बढ़ाने के हर संभव प्रयास करता रहता है। परिणामस्वरूप पाकिस्तान भुखमरी जैसे हालातों का सामना सालों से करता चला आ रहा है। विकसित देशों की कल्पना तो सिर्फ़ सपनों तक ही सीमित होकर रह गये है। इन सब के बाद भी जब जब पाकिस्तान भारत को आँख दिखाता है तो उसे मुँह की खानी पड़ती है।आंटा,स्वास्थ सुविधाएँ ,पेट्रोलडीज़ल का भाव तो आसमान से बात कर रहा है। हालात यह है कि ख़ुद पाकिस्तानी नागरिक ही पाकिस्तान के हुक्मरानों को बुरा भला कहते दिख जाते है।


क्यों इकट्ठा कर रहा पाकिस्तान परमाणु हथियारों का ज़ख़ीरा


पाकिस्तान में भले ही भुखमरी जैसे हालात हो लेकिन हथियारों के ज़ख़ीरे में हो रही बढ़त आतंकवाद और युद्ध जैसे मानसिक हालातों को दर्शाता है। फेडरेशन ऑफ़ अमेरिकन साइंटिस की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान अधिक हथियारों और कच्चे समान के मूलभूत ज़रूरी इंडस्ट्री के साथ धीरे धीरे परमाणु हथियारों में वृद्धि करना चाहता है। रिपोर्ट के अनुसार लगातार सेनाओं के बेस कैम्प में निर्माण कार्य भी चल रहे हैं।एक अनुमान के अनुसार पाकिस्तान के पास अब 160 से 170 परमाणु हथियार हो सकते है।


पाकिस्तान का मसरूर एयर बेस पाकिस्तान के करांची के नज़दीक है जो भारत के गुजरात राज्य के पोरबंदर से 400 किमी. दूरी पर स्थित है। दूसरा एयर बेस पाकिस्तान के शोर कोट में है जिसकी पंजाब राज्य से दूरी महज़ 300 किमी. है।


पाकिस्तान के मिसाइल सिस्टम


पाकिस्तान के पास वर्तमान में छः परमाणु सिस्टम है।


1- अब्दाली (हफ़्त 1)

2- गजनवी (हफ़्त 3)

3- शाहीन आई (हफ़्त 4)

4- नस्र ( हफ़्त 9)

5- गौरी (हफ़्त 5)

6- शाहीन द्वितीय (हफ़्त 6)



सेटेलाइट चित्रों के माध्यम से पता चला है कि पाकिस्तान के पास पाँच मिसाइल बेस है। लेकिन इतनी तेज़ी से बढ़ते परमाणु हथियार सिर्फ़ भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंताजनक है।

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