अपने एवं बच्चों के अंदर जीवन कौशल का विकास करें शिक्षक : आशीष कुमार मौर्य

  •  जीवन को बेहतर करने का माध्यम है जीवन कौशल प्रशिक्षण

न्यूज़ डेस्क




महराजगंज।बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ रहे किशोरवय बच्चों को विषयगत ज्ञान के अलावा शिक्षक उनके अंदर छिपी सृजनात्मक कौशल कला की पहचान कर, उसे निखारने का काम करने के साथ ही उन्हें जीवन की चुनौती के लिए भी तैयार करने के उद्देश्य से डायट महराजगंज में पांच दिवसीय जीवन कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अवसर पर उप शिक्षा निदेशक / प्राचार्य अभिजीत सिंह के मार्गदर्शन में प्रतिभागी शिक्षको को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 


इस अवसर पर संदर्भदाता रवीन्द्र सिंह ने प्रशिक्षण देते हुए कहा कि प्रतिस्पर्धी दौर मे बच्चे प्रायः तनाव का प्रबन्धन नही कर पाते जिससे अवसादग्रस्त होने लगते इसके समाधान के लिए उनकी नियमित अंतराल पर काउंसिलिंग हो। जीवन कौशल प्रशिक्षण जीवन को बेहतर करने का माध्यम है। संदर्भदाता प्रदीप निगम ने कहा कि समानुभूति किसी भी मनुष्य के मनःस्थिति को जानने और समझने की योग्यता है। डायट प्रवक्ता इंद्रजीत यादव ने जनपद स्तरीय पांच दिवसीय जीवन कौशल प्रशिक्षण में शिक्षकों को स्कूली बच्चों के तनावपूर्ण जीवन को सहज बनाने एवं विभिन्न परिस्थितियों में समायोजन के लिए उन्हें कैसे तैयार करें इसकी जानकारी दी। 

प्रशिक्षण प्रभारी आशीष कुमार मौर्य ने बताया कि शिक्षकों को स्वयं अपने एवं बच्चों के अंदर जीवन कौशल का विकास करना चाहिए जिससे कि वह चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में भी सहजता से सामना कर सकें। तेरह से सत्रह फरवरी तक चलने वाले प्रशिक्षण में विकास खंड घुघली, लक्ष्मीपुर, मिठौरा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया।



प्रशिक्षण में संदर्भदाता डायट प्रवक्ता आशीष कुमार मौर्य, श्रीमती दिव्या सिंह, रामजी एवं अर्जुन शाही द्वारा प्रतिभागियों को मॉड्यूल आधारित विभिन्न गतिविधियो जैसे रोल प्ले, सिचुएशन कार्ड, कहानी आदि के माध्यम से यूनिसेफ द्वारा बताए गए दस कौशलों जिनमे भावनाओं की समझ, अन्तर वैयक्तिक संबंध, तनाव प्रबंधन, समस्या समाधान एवं निर्णय लेना आदि कौशलों में दक्ष किया गया।

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