भर्ती घोटाला। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी परिवहन निगम की परिचालक भर्ती, खुले आम मांगी जा रही घूस

  •  एक लाख से 60 हज़ार भर्ती के नाम पर जैसे भी मिल रहे वसूला जा रहा रुपया
  • कंपनी के अनुसार प्रति कैंडिडेट फिक्स है परिवहन अधिकारियों का पैसा



गौरव श्रीवास्तव "भारतीय"

लखनऊ। मामला उत्तर प्रदेश के परिवहन निगम का है, जहां पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से एजेंसियों द्वारा भर्ती के लिए खुलेआम एक लाख से 50 हजार या यू कहें जैसे भी कैंडिडेट फसें वैसे ही पैसे वसूले की व्यवस्था काफ़ी विस्तारित रूप से चल रही हैं। पैसा मांगने वाले व्यक्ति द्वारा खुले आम धमकी देकर बात किया जा रहा है। और खुलेआम किसी के द्वारा कुछ ना कर पाने की चेतावनी बार-बार दे रहा हैं। मामला उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के कानपुर क्षेत्र में परिचालक भर्ती कराने की जिम्मेदार कंपनी जीत सिक्योरिटी एंड एचआर सर्विस का है परिवहन निगम के कानपुर क्षेत्र में आउटसोर्सिंग के माध्यम से परिचालकों को उपलब्ध कराने की जिम्मेदार संबंधित कंपनी का है। परंतु कंपनी द्वारा गलत तरीके से अभ्यार्थियों से धन वसूली करना चर्चा का विषय बन गया है।





 कंपनी के माध्यम से बात कर रहे व्यक्ति की बात को माने तो परिवहन निगम प्रति अभ्यार्थियों के एक निश्चित प्रतिशत ले रहा है, जिसके कारण कंपनी द्वारा अभ्यार्थियों से जो जैसे फंस रहा है, उनसे उसी प्रकार धन वसूली किया जा रहा है रिकॉर्डिंग में बोल रहे व्यक्ति के द्वारा सबसे पहले एक लाख रूपए देने की बात कही जाती है, बाद में बात साठ हजार तक पहुंचती है। फ़िर परिवहन निगम में पहले से काम कर रहे कर्मचारी द्वारा बात करने पर खुशी-खुशी 5 से 10 हज़ार देने की बात कही जा रही है इस तरह के घटनाओं को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है ।कि किस प्रकार बाहरी एजेंसियों के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे हैं जनशक्ति में, किस प्रकार भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है ।और यह खेल विभागीय अधिकारियों की सरपरस्ती में खेला जा रहा है। देखना यह होगा कि जिम्मेदार अधिकारी घटना का संज्ञान लेकर कुछ ठोस कदम उठाते हैं या जांच कराने की बात कहकर मामले को रफा-दफा करते हैं फिलहाल हमारी नजर मामले पर पूरी तरह बनी रहेगी बने रहिए हमेशा स्टेशन के साथ और ज्यादा जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर देखें पूरा वीडियो

घूसखोरी की पूरी तस्तान https://youtu.be/09AQS0kl4lA

क्या कहते हैं जिम्मेदार 


आपके द्वारा उपलब्ध दस्तावेजों की जांच कर सम्बंधित जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जायेगी।

अन्नपूर्णा गर्ग

अपर प्रबंध निदेशक, UPSRTC

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