पवन कुमार
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के परिवहन मंत्री इन दिनों काफी चर्चा में बने हुए हैं कारण यह है। कि डग्गामारी व्यवस्था को पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जा सकें। परंतु परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह जी के मंसूबों पर परिवहन निगम के कर्मचारी पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे हैं सप्ताह की दूसरी धरपकड़ में 10 बिना टिकट यात्रियों के साथ पीलीभीत डिपों की बस संख्या यूपी 25t9406 पकड़ ली गई, बस शाहजहांपुर से पीलीभीत के लिए रवाना हुई थी। परिचालक के हौसले इतने बुलंद थे कि उसने 10 यात्रियों से पैसे वसूल कर भी टिकट नहीं दिया इतना तो दावे के साथ कहा जा सकता है की बगैर किसी सहयोग के किसी भी कर्मचारी द्वारा इतनी बड़ी तादाद में बिना टिकट यात्रियों को यात्रा कराना संभव नहीं है परंतु इतनी बड़ी चोरी का मास्टरमाइंड कौन है। यह भी अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, बताते चलें कि शाहजहांपुर से पीलीभीत के लिए निकली बस को बरखेड़ा नामक स्थान पर यातायात अधीक्षक चीनी प्रसाद सहायक यातायात अधीक्षक परवेंद्र कुमार शर्मा ने चेक करने का सिग्नल दे दिया, बस में यात्रियों की जांच की गई तो 43 यात्री यात्रा करते पाए गए। परंतु 43 यात्रियों में से 10 यात्री बिना टिकट धर लिए गए, यातायात अधीक्षक ने बिना कुछ देरी किए 10 बिना टिकट यात्री, जिनके कुल टिकट की कीमत 420 रुपए थी, दण्ड 4200 के साथ वसूल कर बस को रवाना कर दिया। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि पश्चिमी यूपी में पकड़े जा रहे इतनी बड़ी तादाद में मामलों का मास्टरमाइंड कौन है। इस बात से भी नकारा नहीं जा सकता की चोरियों के पीछे किसी बड़े अधिकारी का हाथ है। फिलहाल देखना यह होगा कि परिवहन निगम किस तरीके से चोरों के चंगुल से मुक्त होकर राजस्व का संरक्षण कर पाता है।
Bahut sahi patrakarita
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